Bhayaharan Nath Dham Kshetriya Vikas Santhan

Pratapgarh Uttar Pradesh

June 09, 2011

Some glorious moment at Bhayaharan nath dham.


Some foreigners came to see the temple of Bhayaharannath dham,after getting darshan of Lord shiva,they visited dham and felt so happy to see this pretty India which is most known for Spirituality and as a place of peace in foreign country.



Tevision actor Mr. Anupam Shyam Ojha,came to have divine darshan of Lord shiva on Mahakal Mahotsava at Bhayaharan nath dham.

Uttar pradesh minister for culture hon'ble Mr. Shubhash Pandey, obtained blessing and darshan of Baba Bhayaharan nath on August 14th 2010.


Playbleack singer and performer Mr. Ravi Tripathi of indian idol, blessed by Baba Bhayaharan nath.



MLA Rajkumari Ratna Singh ,inspired with blessings and visited dham now promoting for more development of temple.

2 comments:

शिवरात्रि व्रत दुःख एवं पाप नाशक पर्व :. मुकुन्द देव शुक्ला ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रतिपदा तिथि से पूर्णिमा और अमावश्या तक १६ तिथिओ के अलग अलग स्वामी देवता होते हे | अर्थात जिस तिथि का जो देवता स्वामी होता हे, उस देवता का उस तिथि में पूजन अर्चन करने से उस देवताकी विशेष कृपा प्राप्त होती हे | इसी लिए प्रत्येक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि व्रत होता हे जो प्रत्येक शिवभक्त करते हे, परन्तु माघ माह की कृष्ण चतुर्दशी को अर्धरात्रि में ‘ शिवलिंगतयोभ्दुत : कोटिसूर्यसमप्रभ:’ इशान संहिता के इस वचन के अनुसार ज्योतिर्लिंग का प्रादुर्भाव होने से महा शिवरात्रि के नाम से प्रचलित हुआ| इस व्रत को सभी लोग जैसे ब्राह्मण, वैश्य, शुद्र, क्षत्रिय कोई भी कर शकता हे |
ऐंद्रिक सुविधाएं शारीरिक सुख प्रदान करती हैं, लेकिन अपने को 'स्व' के सुख में पहुंचाए बिना सभी सुख क्षणिक एवं निराधार हैं। अनुकूलता का सुख तुच्छ है, जबकि आत्मा का सुख परम शिव स्वरूप है। सौंदर्य से प्रेम करने पर एक दिन प्रीति ढल जाएगी, जिससे दोनों का अहित होगा। इसलिए स्वयं पर कृपा करते हुए परमात्मा से प्रेम ही श्रेयस्कर है। प़थ्वी, जल, तेज, वायु और आकाश का अर्घ्य आत्मशिव की प्रसन्नता के लिए करें तो सच्चिदानंद शिव का साक्षात्कार करने में सफलता मिल सकती है। जो मानव तटस्थ भाव से व्यवहार करता है, वह शिव की ही पूजा करता है। हिन्दू सनातन परम्परा में वर्ष भर में चार महारात्रि मानी गई हैं | जिन चार रात्रियो का विशेष उल्लेख मिलता है,वह है दीप पर्व दीपावली जिसे महारात्रि कहते है, शिवरात्रि कालरात्रि है, श्री कृष्ण जन्म अष्टमी मोहरात्रि है, और होली अहोरात्रि है | इनमें किया गया ध्यान, भजन, जप, तप अनंत गुना फलदायी होता है। कालरात्रि (महाशिवरात्रि) जीवन को धन्य बनाने वाली रात्रि है।
रुद्राभिषेक अनुष्ठान...
देवाधिदेव शिव का रुद्राभिषेक एक सकाम अनुष्ठान है | जिसमे यदि सम्पूर्ण नियम के साथ संकल्पित कार्य के लिए अभिषेक करे तो कार्य सिद्धि अवश्य होती है | भगवान शिव का अभिषेक अनेकों प्रकार से किया जाता है । भगवान शिव ने स्वयं शिव पुराण में वर्णित किया है के कुछ ऐसे विशेष पदार्थ है जिनसे उनका मंत्रोचारण के साथ अभिषेक करने से जातक, साधक के सभी एक्षित कार्य सिद्ध होते है |
सर्व सुख प्राप्ति हेतु जलाभिषेक : जल से,
समृद्धि प्राप्ति हेतु दुग्धाभिषेक : दूध से,
रोग निवारण हेतु कुषा के जल से,
धन प्राप्ति हेतु मधु अथवा गन्ने के रस से,
शत्रु शांति हेतु सरसों के तेल से ( यह प्रयोग योग्य वेदाचार्य के देख रेख में ही करे)
शांति प्राप्ति हेतु घृत से,
पशु रक्षा हेतु दही से,
किसी की बुद्धि शुद्ध करने हेतु दूध,गंगा जल में शक्कर मिला कर अभिषेक करे,
कारोबार वृद्धि हेतु
महाशिवरात्रि के सिद्ध मुहर्त में पारद शिवलिंग को प्राण प्रतिष्ठित करवाकर स्थापित करने से
व्यवसाय में वृद्धि व नौकरी में तरक्की मिलती है।
बाधा नाश हेतु
शिवरात्रि के प्रदोष काल में स्फटिक शिवलिंग को शुद्ध गंगा जल, दूध, दही, घी, शहद व शक्कर से स्नान करवाकर धूप-दीप जलाकर निम्न मंत्र का जाप करने से समस्त बाधाओं का शमन होता है।
गंभीर रोग से छुटकारे हेतु
शिव मंदिर में लिंग पूजन कर महामृत्युंजय मंत्रों का जाप करने से प्राण रक्षा होती है। जाप रुद्राक्ष की माला पर करें।
शत्रु नाश हेतु
रूद्राष्टक का पाठ यथासंभव करने से शत्रुओं से मुक्ति मिलती है। मुक़दमे में जीत व समस्त सुखों की प्राप्ति होती है।
मोक्ष प्राप्ति हेतु
शिवरात्रि को एक मुखी रूद्राक्ष को गंगाजल से स्नान करवाकर धूप-दीप दिखा कर तख्ते पर स्वच्छ कपड़ा बिछाकर स्थापित करें। शिव रूप रूद्राक्ष के सामने बैठ कर सवा लाख मंत्र जप का संकल्प लेकर जाप आरंभ करें। जप शिवरात्रि के बाद भी जारी रखें। यह पूजन से चाहे कैसा भी कष्ट होगा, कोई भी परेशानी होगी महाकाल शिव अवश्य ही सहायता करेंगे
सब कुछ दीन्हा आपने,भेट करू क्या नाथ ?,नमस्कार की भेट लो,जोड़ूँ दोनों हाथ!!
हाथ जोड़ विनती करूं,धरुँ चरण में शीश,ज्ञान भक्ति मोह दीजीये,परम पिता जगदीश!!

Hi so sweet nice profile Maharani ji pls give me one chance for darshan

vijay mishra

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